करोड़ो की सम्पत्ति हथियाने के लिये फर्जी वसीयत तैयार की
सिंधी सेन्ट्रल पंचायत भी न्याय नहीं दिला पाई चार बेटियों को
भोपाल 05 अप्रैल 2010। सिंधी सेन्ट्रल पंचायत भोपाल भी न्याय दिला नहीं पायी, स्वर्गीय वासुदेव तलरेजा की बेटियों को। इस मामले का खुलासा पत्रकारवार्ता में वासुदेव की बड़ी बेटी श्रीमती लक्ष्मी फेरवानी सोनी ने आरोप लगाते हुये बताया कि उनके चाचा मुरारीलाल तलरेजा उनके पिता की सम्पत्ति हड़पना चाहते है, इसके लिये उन्होनें फर्जी वसीयत भी तैयार कर ली है।
सिंधी सेन्ट्रल पंचायत में प्रतििष्ठत समाज के लोगों के बीच हुई बैठक में फरियादी लक्ष्मी के चाचा मुरारीलाल तलरेजा ने वसीयत पंचायत के समक्ष रखने का आश्वासन दिया था। इस पर वे मुकर गये अन्तत: पंचायत को निर्णय लेना पड़ा कि लक्ष्मी सम्पत्ति मामले का निपटारा न्यायालय से करायें।
गौरतलब है कि यह फैसला 8 मार्च 2010 को पंचायत द्वारा किया गया। श्रीमती लक्ष्मी सोनी ने पत्रकारों को बताया कि इस फैसले के बाद उसके चाचा ने उनकी गैरमौजूदगी में घर का ताला तोड़कर घर में रखा सामान तहस-महस कर दिया जब वे 2 अप्रैल को पूना से सन्त कवरराम कालोनी के निवास पर पहुंची तो उन्हे ताला टूटा मिला। इसके बाद लक्ष्मी ने गौतम नगर थाना में पहुंचकर श्री मुरारीलाल तलरेजा के विरूद्ध भारती दण्ड विधान धारा 448/506 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
श्रीमती लक्ष्मी की 3 बहनें क्रमश: मीना(प्रिया), पिंकी मुस्कान, एवं सपना तलरेजा हैं, जो कि 109 सन्तकंवरराम कालोनी के पेतृक निवास पर आती जाती रही हैं। श्रीमती लक्ष्मी का आरोप है कि सम्पत्ति करोड़ों में है जिसमें कि उनके चाचा की नीयत बदल गई और उन्होनें फर्जी वसीयत नामा बना लिया है। जिसे वे पंचायत में प्रस्तुत नहीं कर पंचायत को भी गुमराह कर दिया। श्रीमती लक्ष्मी एवं उनकी बहनों का कहना था कि उनके चाचा ने सम्पत्ति की मांग करने पर इसका अंजाम बुरा होगा, देख लेने की धमकी दी थी।
श्री मुरारी लाल तलरेजा के पुत्र ने दूरभाष पर बताया कि उनके पिताजी का सम्पत्ति बटवांरे को लेकर कोई विवाद नहीं है। ई/4/31 में निर्माणाधीन भवन नगर निगम द्वारा स्वीकृत नक्शे से किया जा रहा है। फिलहाल करोड़ों की सम्पत्ति का खुदवारिश बनने के लिये मुरारीलाल तलरेजा एवं उनके भाई दशरथलाल तलरेजा ने वसीयत बनाई है। यही कारण रहा है कि उस वसीयत को वे सिंधी सेन्ट्रल पंचायत में प्रस्तुत नहीं कर सके हैं। सम्पत्ति बंटवारे का मामला अब न्यायालय में है।
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